लडखडाते कदमों का सहारा बन जाओ मैं नजर बनूँ और तुम नजारा बन जाओ घिर चुकी है जिन्दगी तूफानों में अब यार मैं डूबती कश्ती हूँ तुम किनारा बन जाओ ### चढा हुआ दरिया उतर जाएगा फूल खिला है तो निखर जाएगा अपने कंधे पे तू दुपट्टा चढा ले वरना देखकर तुझको तेरा दीवाना मर … Continue reading शायराना अन्दाज
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गम़-ए-मोहब्बत
मेरी आखिरी साँसों का सहारा था वो मैँ डूबती हुयी कश्ती था किनारा था वो कैसे नही करता भरोसा आखिर उसपे बेगाने शहर मे बस एक हमारा था वो ### उसे ना आना था फिर भी इन्तजार किया हमने भरोसा तोडने वाले पे ऐतबार किया हमने हमेँ मालूम था अन्जामे वफा यारों फिर भी उस … Continue reading गम़-ए-मोहब्बत
शाम-ए-शायरी
अच्छे लोग अच्छाई नहीँ छोडेँगे लडने वाले कभी लडाई नहीँ छोडेँगे ये दुनिया कितनी भी बदल जाये पर याद रखना बेबफा लोग कभी बेवफाई नही छोडेँगे ** जो नहीँ करना था वो भी वो हरजाई कर गया वो बेवफा था आखिर बेवफाई कर गया ** दिल तोडने वाले दिलदार न मिले जो ऐतबार करे तुझपे … Continue reading शाम-ए-शायरी
दीवाना हूँ मैं तेरी आँखों का
इक पल तेरे बगैर रहा जाता नहीं कुछ भी तेरे शिवाय नजर आता नहीं यूँ तो हसीन लाखों हैं मेरी निगाह में लेकिन तेरे शिवा कोई भी भाता नहीं चाहा नहीं है कुछ भी इक तुझको चाहकर इक बार सही इश्क का तू भी गुनाह कर आता हूँ तेरे आगे पीछे इस उम्मीद में कि … Continue reading दीवाना हूँ मैं तेरी आँखों का
मैं शायर तो नहीं
उलझ के तेरे घने घने इन लम्बे बालो में दिल मेरा डूब जाता है नैनों के प्यालों में जब तू हँसती है मुझे देखकर रास्तों में मैं खो सा जाता हूँ अक्सर तेरे खयालों में ## दिन रात तुम्हें देखूँ ये आँखों की … Continue reading मैं शायर तो नहीं