इक पल तेरे बगैर रहा जाता नहीं कुछ भी तेरे शिवाय नजर आता नहीं यूँ तो हसीन लाखों हैं मेरी निगाह में लेकिन तेरे शिवा कोई भी भाता नहीं चाहा नहीं है कुछ भी इक तुझको चाहकर इक बार सही इश्क का तू भी गुनाह कर आता हूँ तेरे आगे पीछे इस उम्मीद में कि … Continue reading दीवाना हूँ मैं तेरी आँखों का