दीवाना हूँ मैं तेरी आँखों का

इक पल तेरे बगैर रहा जाता नहीं
कुछ भी तेरे शिवाय नजर आता नहीं
यूँ तो हसीन लाखों हैं मेरी निगाह में
लेकिन तेरे शिवा कोई भी भाता नहीं
चाहा नहीं है कुछ भी इक तुझको चाहकर
इक बार सही इश्क का तू भी गुनाह कर
आता हूँ तेरे आगे पीछे इस उम्मीद में
कि मेरी तरफ भूलकर तू भी निगाह कर
तू शमा है ऐ यार तो तेरा परवाना हूँ मैं
तू है अगर शराब तो इक पैमाना हूँ मैं
यूँ तो रास्ता हर मैखाने का पता है मुझे
पर तेरी मदहोश निगाहों का दीवाना हूँ मैं
तेरी शिकारी आँखों का शिकार हूँ मैं
इक रोगी हूँ तेरे प्यार में बीमार हूँ मैं
तुझे पाने के लिए दुनिया को छोड दूँ
तेरी चाहत में इस कदर बेकरार हूँ मैं
तेरे नशे में कोई भी मयखाना छोड देंगे
तू कह दे तो गली क्या जमाना छोड देंगे

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