कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के शक्ति को लेकर दिए गए बयान को धार्मिक मोड़ देने के लिए कांग्रेस ने चुनाव आयोग से पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
अब आइए बताते हैं कि आखिर मामला क्या है?
दरअसल हुआ ये कि राहुल गांधी ने रविवार अर्थात 17 मार्च को अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन समारोह में भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर रखकर कहा कि हिंदू धर्म में एक शब्द है “शक्ति” और हम लोग उस शक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं। इसके बाद में राहुल गांधी ने ‘शक्ति ‘ शब्द के बारे में कहा था कि हम लोग जिन शक्तियों के खिलाफ लड़ रहे हैं वे हैं ईवीएम, ईडी और सीबीआई। उन्होंने फिर कहा कि मुंबई से आज ‘हिंदुस्तान की आवाज’ निकली है । देश को बांटने का मंसूबा रखने वाली शक्ति, इंडिया ब्लॉक की शक्ति को कभी नहीं हरा सकती.
अब भाई साहब राहुल गांधी जी का यह सम्बोधन सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी कहाँ पीछे रहने वाले थे उन्होंने पलटवार कर ही दिया जिसकी वजह से कांग्रेस खेमे में खलबली मच गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में कांग्रेस के ऊपर पलटवार करते हुए एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि फैसला 4 जून को हो जाएगा…कौन ‘शक्ति’ का ‘विनाश’ कर सकता है और कौन ‘शक्ति’ का ‘आशीर्वाद’ प्राप्त करेगा।
पीएम मोदी के हमले के बाद राहुल गांधी ने अपने शक्ति वाले बयान पर सोमवार को सफाई दी है और कहा कि पीएम किसी-न-किसी तरह मेरी बातों को घुमाकर हमेशा उनका मतलब बदलने की कोशिश करते हैं।
मोदी जी के हमले के बाद कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने भी अपना बयान दिया है और कहा, ‘प्रधानमंत्री सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने के मास्टर हैं। देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक संकट से जूझ रही है। नौजवान नाराज हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं। महंगाई से लोग अपना घर नहीं चला पा रहे हैं। नोटबंदी-जीएसटी ने लाखों उद्योग चौपट कर दिए, लेकिन प्रधानमंत्री गैर जरूरी मुद्दे उठाकर जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं।
अब भाई साहब राहुल गांधी जी को भी तो थोडी परिपक्वता दिखानी चाहिए और ऐसे बयान देने ही नहीं चाहिए जिसका एक से अधिक अर्थ निकाला जा सकता हो। अब राजनीति में तो लोग इंतजार करते रहते हैं कि कब आप अटपटे बयान दें और आप पर हमला किया जाए। सामने अगर नरेंद्र मोदी जैसा राजनीतिज्ञ हो तो और भी सावधानी बरतनी चाहिए। है कि नहीं ?