शाम-ए-शायरी

अच्छे लोग अच्छाई नहीँ छोडेँगे
लडने वाले कभी लडाई नहीँ छोडेँगे
ये दुनिया कितनी भी बदल जाये पर याद रखना
बेबफा लोग कभी बेवफाई नही छोडेँगे
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जो नहीँ करना था वो भी वो हरजाई कर गया
वो बेवफा था आखिर बेवफाई कर गया
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दिल तोडने वाले दिलदार न मिले
जो ऐतबार करे तुझपे ऐसा यार न मिले
तडप तडप के बीते तेरी जिन्दगी सारी
सारी दुनिया मे कहीँ तुझको कभी प्यार न मिले
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सारी दुनिया से मुझको बेगाना करके छोडेगी
वो दीवानी है मुझको भी दीवाना करके छोडेगा
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आवाज भी लगाये मगर तुम नहीं आये
हम आँख थे बिछाए मगर तुम नहीं आये
मजबूरी थी कोई या भूल गये तुम
क्या बात है सब आए मगर तुम नहीं आये
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ठीक से हम अभी तक जवाँ न हुए
क्या बताएं कि बदनाम कहाँ न हुए
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जख्म गहरा है मेरे जिगर का अभी
तेरी उलफत से अब ये भरेगा नहीं
चोट तुझ जैसे पत्थर से खाने के बाद
चाह अब दिल किसी की करेगा नहीं
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तुमपे अपना हक जताना छोड देंगे
तुम कहो गली क्या जमाना छोड देंगे
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अब तो दिल करता है तुमसे मुलाकात हो
हरदम तुम्हारे हाथों में मेरा हाथ हो
बात तुमसे करते हुए हर दिन मेरा गुजरे
और तुम्हारी मखमली बाहों में रात हो
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तुमको मुझ जैसा हर लडका दीवाना लगता है
शमा पे मडराने वाला परवाना लगता है
जरा पूछो तो मेरी हालत तुमसे ठोकर खाने के बाद
दिल को बहार का मौसम भी अब वीराना लगता है
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मुस्कुराओ न इस तरह से
दिल दीवाना हो जाएगा
आँखों के नशे में डूब के ये
घर मयखाना हो जाएगा
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जागी हो रात भर तुम बहकती बातें बता रही हैं
बातों की छोडो सब कुछ
तुम्हारी आँखें बता रही हैं
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बडा बेरहम बडा संगदिल है वो
मेरी हर तमन्ना का कातिल है वो
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मैं चला जाऊंगा छोडकर के तुम्हें
क्या तुम्हें मुझपे इतना भरोसा नहीं
जान है जब तलक मेरे इस जिस्म में
प्यार ही दूँगा मैं तुमको धोखा नही
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लाख दीवार दुनिया उठाए सनम
आने पाएगा ना बीच में फासला
तुम हो धडकन मेरे दिल की तुम ही कहो
दिल से धडकन जुदा कब हुई है भला
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इश्क की राह में वो मुकाम आया है
बेवफाओं में मेरा भी नाम आया है
क्या कहूँ यारों मैंने गुनाह न किया
फिर भी सर पे मेरे इल्जाम आया है
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प्यार का काम ही ऐसा काम है
जो हर जगह पे बदनाम है
दिल की नजरों में जो है खुदा
इस जमाने में वो ही इल्जाम है

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