कोई शिकवा शिकायत हो तो फिर हमसे गिला करिए अरे जब भी मिला करिए तो हँसकर ही मिला करिए अगर डर है जमाने का कि कोई सुन न ले बातें तो फिर चलिए नजर से गुफ्तगू का सिलसिला करिए जमाना बात ही मुरझाने वाली करता है अक्सर अरे पर आप तो गुल हो तो बस … Continue reading हँसकर मिला करिए
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मुझे आजमाना छोड दे तू
जख्म देकर मुझे यूँ मुस्कुराना छोड दे तू देख, मेरी मोहब्बत को आजमाना छोड दे तू प्यार है तुझे या नहीं कह दे एक बार रोज रोज करना यूँ अब बहाना छोड दे तू नाजुक है दिल का आशियाना इसपे इसलिए सज सँवर के बिजलियाँ गिराना छोड दे तू इक बार में खंजर उठा और … Continue reading मुझे आजमाना छोड दे तू
जिन्दगी से शिकायत बहुत है
माना कि किस्मत की मुझपे इनायत बहुत है पर तेरे बिना जिन्दगी से शिकायत बहुत है तू जान नहीं पाएगा मेरी वफाओं की कीमत नादानी है तुझमें अभी भी शरारत बहुत है तुझसे दिल लगाया तब जान पाए इश्क में चैन कम है सुकून कम है आफत बहुत है झूठी दुनिया ने झूठा ही बदनाम … Continue reading जिन्दगी से शिकायत बहुत है
कुछ हसीनों की आदत बुरी है
ना मोहब्बत ना चाहत बुरी है कुछ हसीनों की आदत बुरी है दिल टूटा तब जान पाए पत्थरों की इबादत बुरी है कोई दिल को जरा समझा दे अपनों से यूँ बगावत बुरी है रूठना इनका वाजिब है लेकिन बेवजह की शिकायत बुरी है ना बरी करते हैं ना सजा दें हुस्न की ये अदालत … Continue reading कुछ हसीनों की आदत बुरी है