दिल तोड के मेरा जालिम मुस्कुराया न करो मेरा प्यार इतना भी आजमाया न करो तुमको ही तो देखने आता हूँ मैं तेरी गलियों में मुझे देख के देखो खुद को यूँ छुपाया न करो कैसे समझाऊं होती है दिल की बात अकेले में यूँ सखियों को संग लेकर मिलने आया न करो देख तुमको … Continue reading यूँ आजमाया न करो
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नजरें फेरती क्यों हो
बन के साया मोहब्बत का हमें घेरती क्यों हो नजर में रहती हो मेरी तो नजरें फेरती क्यों हो गर डर लगता है तुमको मोहब्बत की आग से फिर इस आग को हँस हँस के छेडती क्यों हो माना कि है परहेज तुमको हम इश्क वालों से तो भला हुस्न की ये खुशबुएँ बिखेरती क्यों … Continue reading नजरें फेरती क्यों हो
उफ ! ये मोहब्बत
कुछ इस तरह से मोहब्बत ने फँसाया हमको न कभी गिरने दिया और न ही उठाया हमको कश्मकश की डोरी में यूँ बाँधकर उसने रखा न बसा दिल में मेरे न दिल में बसाया हमको किसी जालिम के लिए रात दिन जले थे हम आज दुनिया के लिए उसने बुझाया हमको हमें छोडकर सब उसको … Continue reading उफ ! ये मोहब्बत