थे ही कुछ ऐसे इस जमाने के सितम
रोने के शिवा और करते भी क्या हम
एक तो जमाना बेरहम निकल गया
उसपे निकला वो भी तो बेवफा सनम
मेरे हालात पर छोटी छोटी बात पर
सारे वादे तोडे उसने तोडी हर कसम
ख्वाब आँखों से सारे टूट कर गिरे
और टूटे संग संग हर उम्मीद हर भरम
अब तलक जो दिया ऐ खुदा शुक्रिया
मौत देके कर दे मुझपे और इक करम
थे कुछ ऐसे ही इस जमाने के सितम
रोने के शिवा और करते भी क्या हम
😢😥😢😥😢😥😢
☺