सच्ची मोहब्बत : सूरत या सीरत

जैसे ही फोन बजा साहिबा ने तुरंत फोन उठा लिया मानो वह फोन पर ही नजरें गडाए बैठी थी कि कब रोहन का फोन आए। फोन उठाते ही खुशी के मारे बौखलायी साहिबा ने जैसे ही बोला हैलो... उधर से आवाज आयी , साहिबा मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता। साहिबा को तो जैसे करेंट … Continue reading सच्ची मोहब्बत : सूरत या सीरत

सबक

सीमा, एक बहुत ही सीधे स्वाभाव की लडकी थी जिसका काम था घर से स्कूल और स्कूल से सीधे घर। न किसी से कोई शरारत और न ही कोई बुरा शौक। वह इतनी सीधी थी कि कालेज के सब स्टूडेंट्स उसे सीधी वाली बहनजी कहकर चिढाया करते और कोई अगर कुछ बुरा बोल भी देता … Continue reading सबक