तेरी हर याद मेरे दिल में सलामत होगी तब तक जब तक कि न कयामत होगी मैं जूझता रहूँगा किस्मत से तेरी खातिर कभी तो मुझपे किस्मत की इनायत होगी दिल लगाया था तभी सोच लिया था मैनें इक न इक रोज जमाने से बगावत होगी पूजता होगा जमाना रब को मगर मेरे लिए तेरी … Continue reading तेरी हर याद मेरे दिल में सलामत होगी
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जिन्दगी से शिकायत बहुत है
माना कि किस्मत की मुझपे इनायत बहुत है पर तेरे बिना जिन्दगी से शिकायत बहुत है तू जान नहीं पाएगा मेरी वफाओं की कीमत नादानी है तुझमें अभी भी शरारत बहुत है तुझसे दिल लगाया तब जान पाए इश्क में चैन कम है सुकून कम है आफत बहुत है झूठी दुनिया ने झूठा ही बदनाम … Continue reading जिन्दगी से शिकायत बहुत है