ऐसी मान्यता है कि जब पूरा ब्रह्मांड घोर अंधेरे से भरा हुआ था कहा रोशनी की एक भी किरन नहीं थी तब एक छोटी सी रोशनी की बूंद उत्पन्न हुई और धीरे धीरे विस्तृत होते हुए इस छोटी सी रोशनी ने विशालकाय रूप धारण करते हुए एक स्त्री का रूप लिया। इस अद्भुत स्त्री ने … Continue reading माता सिद्धिदात्री कथा
Category: आध्यात्मिक
महागौरी कथा
माता जब आठ वर्ष की थीं तभी उनके अंदर भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने की प्रबल इच्छा थी। किन्तु उनको यह पता नहीं था कि यह कैसे सम्भव होगा। चूंकि भोलेनाथ के विवाह में देवताओं का भी स्वार्थ था इसलिए देवताओं ने भोलेनाथ को प्राप्त करने में माता की सहायता की। देवताओं … Continue reading महागौरी कथा
माता कालरात्रि कथा और मंत्र
एक बार की बात है जब राक्षस कुल में तीन भयंकर दैत्य हुए जिनका नाम क्रमशः शुम्भ , निशुम्भ और रक्तबीज था। ये तीनों दैत्य इतने भयानक और बलशाली थे कि देवता भी इनके अत्याचारों से परेशान हो चुके थे। शुम्भ निशुम्भ को वरदान प्राप्त था कि उन्हें कोई भी पुरूष चाहे वह देवता ही … Continue reading माता कालरात्रि कथा और मंत्र
माता कात्यायनी की कहानी
प्रचीन समय की बात है कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। महर्षि कात्यायन की परम इच्छा थी कि माता शक्ति इनके ऊपर अपनी कृपा दृष्टि करें । इन्होंने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन … Continue reading माता कात्यायनी की कहानी
स्कन्दमाता की कथा
प्राचीन समय में बज्रांग और बज्रांगी नामक एक दैत्य दम्पत्ति रहता था जिसका एक पुत्र हुआ तारकासुर। तारकासुर के मन में देवताओं के लिए शुरुआत से ही नफरत थी इसलिए उसने प्रण किया कि वह देवताओं से उनका स्वर्ग छीनकर अपने दैत्य साम्राज्य में मिला लेगा। इस सम्बन्ध में उसने गुरु शुक्राचार्य से विचार विमर्श … Continue reading स्कन्दमाता की कथा
माँ कुष्मांडा की कहानी
ऐसा माना जाता है कि जब सृष्टि में कुछ भी नहीं था चारों तरफ घोर अंधेरा छाया हुआ था। न कहीं जीवन था और न ही जीवन का कोई आधार और न ही कोई ध्वनि। तब त्रिदेवों अर्थात ब्रह्मा विष्णु और महेश ने विचार किया कि क्यों न एक सुन्दर ब्रह्मांड का निर्माण किया जाए … Continue reading माँ कुष्मांडा की कहानी
माता चन्द्रघण्टा कथा
बहुत समय पहले की बात है राक्षस कुल मे एक बहुत ही भयानक दैत्य हुआ जिसका नाम महिषासुर था। महिषासुर ने कठोर तप करके बहुत सारी शक्तियों को इकठ्ठा किया। पहले तो उसे वर प्रदान करने वाले देव समझते थे कि महिषासुर इन शक्तियों का प्रयोग राक्षसों की दशा सुधारने मात्र में ही करेगा … Continue reading माता चन्द्रघण्टा कथा
ब्रह्मचारिणी कथा
जब प्रजापति दक्ष के द्वारा अपमानित होने के बाद देवी सती योगाग्नि द्वारा अपने आपको भस्म कर लेती हैं तो महादेव का क्रोध अपनी चरमसीमा पर पहुंच जाता है और उन्होंने प्रजापति दक्ष के द्वारा आयोजित यज्ञ को ध्वंस कर दिया लेकिन इसके बाद भी महादेव का क्रोध शांत नहीं हुआ जिसके कारण समस्त सृष्टि … Continue reading ब्रह्मचारिणी कथा
माता शैलपुत्री कथा
नवरात्रि में दुर्गा पूजा के अवसर पर दुर्गा देवी के नौ रूपों की पूजा-उपासना बहुत ही विधि विधान से की जाती है।ऐसा माना जाता है कि जो माता रानी की पूजा आराधना नौ दिनों तक करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। नवरात्रि में माता रानी के नौ रूप माने गए हैं इन रूपों … Continue reading माता शैलपुत्री कथा
यशोदा तेरा कान्हा
मार मार कंकरिया देखो हँसत है इससे परेशान सारा पनघट है यशोदा तेरा कान्हा बडा नटखट है यशोदा तेरा कान्हा बडा नटखट है पीछे चले ये कभी आगे भागे मानेगा इक दिन ये हमको गिराके कुछ भी कहो यर कहाँ ये सुनत है यशोदा तेरा कान्हा बडा नटखट है छोटा बडा नाही देखे … Continue reading यशोदा तेरा कान्हा