हमने तो बस इतना पूछा था..

बहुत छोटी सी बात थी 

उन्होंने बवाल बडा कर दिया

हमने तो  बस इतना पूछा था 

कि कहाँ व्यस्त थे

उन्होंने तो हमारी वफा पर 

सवाल खडा कर दिया

क्या अब उनका दिल हमारे लिए 

धडक नहीं रहा

या हमको उनसे कुछ पूछने का 

हक नहीं रहा

झूठी निकलती जा रही हैं

वफाओं की बातें

शायद खत्म होने वाली हैं अब

चाहत की बरसातें

तो मेरे दिल जरा सम्भल के 

ऐतबार करना तू

नफरतों के शहर में सोच समझ

 के प्यार करना तू

याद रख 

किसी को चाहने की ख्वाहिशें

बेकार जाती है

यहां उम्मीद मोहब्बत कसमें

सब हार जाती हैं……