परी हो तुम

कोई जादू हो या जादूगरी हो तुम 

अप्सरा हो हूर हो या परी हो तुम

तुमसे मिला हूँ पहली बार बेशक मानता हूँ मैं

लगता है तुम्हें बरसों से जैसे जानता हूँ मैं

ये बात और है मेरे हाथों में इश्क की रेखा नहीं

पर सच बताऊँ तुम्हें देखकर मैने कुछ देखा नहीं

तुम्हारी हँसी से ऐसे दिल का गुलशन खिल गया

जैसे बिछडा था बरसों पहले कोई आज मिल गया

तुम मुझे पागल कह लो बुरा नहीं मानूंगा मैं

पर तुम्हें पा लूंगा तो सारी दुनिया पा लूंगा मैं

सर से पाँव तक मासूमियत से भरी हो तुम

आखिर कौन हो क्यों मुझसे दूर खडी हो तुम

कोई जादू हो या जादूगरी हो तुम

अप्सरा हो हूर हो या परी हो तुम