ना तानों का डर है मुझे ना रुसवाई का डर है
अगर डर है तो यार सिर्फ तेरी जुदाई का डर है
न बादल के गरजने का न बिजली के चमकने का
हमें तेरे बिना इस मौसम – ए – तनहाई का डर है
दिलों के बदले में कुछ लोग जान माांगते है अब
दिनों दिन आ रही इस प्यार में महँगाई का डर है
मुझे यकीन है तेरी वफा पे खुद से भी ज्यादा
मगर इस बेरहम दुनिया की बेवफार्ई का डर है
ना तानों का डर है मुझे ना रुसवाई का डर है
अगर डर है तो यार सिर्फ तेरी जुदाई का डर है