ये दिल हमारा जिसपे फिदा है
वो इस जमाने में सबसे जुदा है
बच न सका कोई दिल उससे ऐसी
दिल को चुराने की उसमें अदा है
अन्दाज भी है बहुत सीधा सादा
निभाना भी आता है हर एक वादा
दिल चीरते हैं अगर आँखों से तो
नाजुक हैं वो फूलों से भी ज्यादा
आँखों से नीदें चुराते हैं अक्सर
सपनों में आकर सताते हैं अक्सर
जब भी करें बात हम उनसे जालिम
हँस के गिराते हैं बिजली सी दिल पर
कैसे रहें हम बिना बात उनसे
जाहिर करें कैसे जजबात उनसे
करते बयाँ दिल की हर एक हसरत
होती अगर इक मुलाकात उनसे
कोई गज़ल है या कोई कहानी
कोई अप्सरा है या परियों की रानी
दिल करता है उनकी मासूमियत पे
लुटा दूँ अभी मै ये जिन्दगानी
Dil bharta nhi ……… Aankhe chhalakti jaati hain