दर्द उधार लिया है

दिल देकर हमने दर्द उधार लिया है खुदा समझकर इक पत्थर से प्यार किया है जिसकी खातिर हमने गँवा दी नीदें अपनी रातों की वो हरजाई कीमत क्या समझे मेरे जजबातों की उसने तो हरदम गैरों पे ही ऐतबार किया है वो तो अपनी दुनिया में ही मस्त है खुश है अपनो में उसको क्या दिलचस्पी … Continue reading दर्द उधार लिया है