दिल तोड के मेरा जालिम मुस्कुराया न करो मेरा प्यार इतना भी आजमाया न करो तुमको ही तो देखने आता हूँ मैं तेरी गलियों में मुझे देख के देखो खुद को यूँ छुपाया न करो कैसे समझाऊं होती है दिल की बात अकेले में यूँ सखियों को संग लेकर मिलने आया न करो देख तुमको … Continue reading यूँ आजमाया न करो
Tag: हुस्न
मल्लिका-ए-बहारा
मल्लिका-ए-बहारा कोई तुझ सा नही है चाँद या सितारा कोई तुझ सा नही है मेरी तो नजर में, गली में शहर में देखा जग सारा कोई तुझ सा नही है तेरी निगाह जिस पर पड जाए तीर हजार दिल में गड जाए मरना चाहें सब जिसके हाथों कातिल प्यारा कोई तुझसा नही है चाँद की … Continue reading मल्लिका-ए-बहारा