मल्लिका-ए-बहारा कोई तुझ सा नही है चाँद या सितारा कोई तुझ सा नही है मेरी तो नजर में, गली में शहर में देखा जग सारा कोई तुझ सा नही है तेरी निगाह जिस पर पड जाए तीर हजार दिल में गड जाए मरना चाहें सब जिसके हाथों कातिल प्यारा कोई तुझसा नही है चाँद की … Continue reading मल्लिका-ए-बहारा