जौनपुर जिले के बाबूगंज बाजार में इस समय चोरों का आतंक छाया हुआ है। बाबूगंज बाजार में अभी तक साइकिल व अन्य छोटे सामानों की ही चोरी हुआ करती थी लेकिन बीते 27 नवंबर 2023 की शाम को लगभग पांच से साढे पांच बजे के बीच इन चोरों ने एक बाइक को गायब कर दिया जिसका अभी तक कहीं कोई सुराग नहीं मिल सका है। घटना है 27 नवंबर की शाम पांच बजे की जब राजकुमार ने अपनी बाइक कुटी स्कूल की गेट के सामने खडी करके पास में ही खेत की जुताई कर रहे अपने ट्रैक्टर के पास गए जहां से बाइक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी। जैसे ही थोडा सा अंधेरा हुआ और 30 मिनट बाद वह अपनी बाइक के पास लौटे बाइक मौके पर मौजूद नहीं थी। पहले तो दस से पन्द्रह मिनट इस अनुमान में बीत गए कि शायद किसी ने मजाक किया हो और बाइक इधर उधर कर दी हो लेकिन जब दोस्तों के पास फोन करके राजकुमार आश्वस्त हो गए कि बाइक चोरी हो चुकी है तो तुरंत उन्होंने इसकी सूचना 112 पर फोन करके दी। कुछ देर बाद एक कांस्टेबल का फोन आता है और वह पूछता है कि क्या 112 पे आपने फोन किया था तो राजकुमार ने बताया कि हाँ मैने फोन किया था क्योंकि मेरी बाइक बाबूगंज बाजार से चोरी हो गई है। इसके बाद पुलिस वालों ने मौके पर आने के बजाय राजकुमार को ही पुलिस थाने में बुलाया और अप्लीकेशन देने के लिए कहा।
राजकुमार ने रात को ही सुजानगंज थाने में जाकर अप्लीकेशन दिया। अप्लीकेशन देने के बाद भी अब चार दिन गुजर चुके हैं लेकिन सुजानगंज थाने से कोई भी आफिसर मौके पर जांच पडताल के लिए नहीं पहुंचा है। इधर राजकुमार और उसके दोस्तों ने बाबूगंज बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरों को देखने की कोशिश की तो सबने कोई न कोई बहाना बना दिया। किसी ने कहा कि हमारा कैमरा रोड को कवर नहीं करता किसी ने कहा कि हमारे कैमरे में उस दिन रिकार्डिंग ही नहीं हुई है। हालांकि कुछ लोगों ने सपोर्ट भी किया ।
सबसे अहम सीसीटीवी कैमरा बाबूगंज चौराहे पर प्राइमरी स्कूल के गेट पर लगा है लेकिन वहां के लोगों का कहना है कि हमारे कैमरे में उस दिन रिकार्डिंग बन्द थी । यह बडा सवाल है कि मेन चौराहे पर लगा हुआ कैमरा हर रोज चालू रहता है लेकिन घटना के दिन बन्द रहता है और बहाना बनाया जाता है कि हमारे पास इनवर्टर नहीं है इसलिए हर रोज रिकार्डिंग नहीं होती है।
हालांकि जिस दिन बाइक गायब हुई उस असरोपुर के एक इंसान को पकडा गया था जिसने इससे पूर्व भी कई घटनाओं को अंजाम दिया है जैसे ट्रैक्टर चोरी करना, साइकिल चोरी करना और बाइक चोरी करना। जब उसे पकडा गया तो उसने कबूल किया कि हाँ मैं एक बाइक लेके गया हूँ लाल रंग की। जब उससे कहा गया कि चलो दिखाओ बाइक कहाँ पर रखी है तो वह अपने घर की तरफ लेकर गया लेकिन घर पहुंचकर वह भी मुकर गया और उसके घरवालों ने कहा कि यह मानसिक रूप से कमजोर है पागल है इसकी बात का भरोसा न किया जाएं। जब उसके घरवालों को पिछली ट्रैक्टर और बाइक चोरी के बारे कहा गया तो उन्होंने भी कबूल किया कि हाँ इससे पहले इसने चोरियां की है इसलिए आप लोग इसे लेकर जा सकते हैं और पुलिस के हवाले कर सकते हैं। इसके बाद जब भी उससे पूछा जा रहा है कि बाइक कहाँ है वह बस एक ही जवाब दे रहा है कि बाद में बताऊंगा, सोच के बताऊंगा या बाद में डील करूंगा।
इससे सिर्फ यही नतीजा निकलता है कि या तो यह व्यक्ति सचमुच पागल है या फिर पागल बनने की एक्टिंग कर रहा है। बाबूगंज बाजार में सिर्फ यही चर्चा है कि बाइक इसी व्यक्ति ने गायब किया है और इसका किसी न किसी गिरोह से सम्बन्ध है। इससे पहले भी यह बाइक चोरी करते पकडा गया है। हो सकता है कि यह बाजार से बाइक चोरी करके बाजार से बाहर अपने साथियों को हैंडओवर करता हो और इसके साथी बाइक को ठिकाने लगाते हों। यदि सफल हो गया तो कोई बात ही नहीं और यदि पकडा गया तो पागल कहके लोग छोड देंगे शायद इस व्यक्ति की यही स्ट्रैटजी है।
अब सच क्या है झूठ क्या है इस बात का खुलासा तो तभी हो पाएगा जब पुलिस कोई एक्शन लेगी लेकिन यहाँ भी सोचने वाली बात है कि पुलिस एफआईआर लिखना नहीं चाहती।