प्यास

थोडी फिकर तो बेजुबानों की भी किया करिए

छत पे इक बर्तन में कुछ पानी रख दिया करिए

प्यासे मवेशियों के पास इक बार जाइए

दिल न पसीज जाए तो फिर बताइए

अजी तालाबों थोडा तो पानी  रहने दिया करिए

थोडी फिकर तो बेजुबानों की भी किया करिए

इंसानों हरदम अपने बारे में ही न सोचिए

कभी प्यास से तडपते पक्षियों को देखिए

 महसूस इनका दर्द भी कभी कर लिया करिए

थोडी फिकर तो बेजुबानों की भी किया करिए

दुनिया में लाखों पुण्य हैं लाखों पाप हैं

प्यासे को पानी पिलाना बडा सवाब है

अरे अमृत कभी तो नेकी वाला भी पिया करिए

थोडी फिकर तो बेजुबानों की भी किया करिए

थोडी फिकर तो बेजुबानों की भी किया करिए

छत पे इक बर्तन में कुछ पानी रख दिया करिए

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