प्यास

थोडी फिकर तो बेजुबानों की भी किया करिए छत पे इक बर्तन में कुछ पानी रख दिया करिए प्यासे मवेशियों के पास इक बार जाइए दिल न पसीज जाए तो फिर बताइए अजी तालाबों थोडा तो पानी  रहने दिया करिए थोडी फिकर तो बेजुबानों की भी किया करिए इंसानों हरदम अपने बारे में ही न … Continue reading प्यास