ये इश्क मोहब्बत प्यार

इक बात बताऊँ जो अक्सर सच पाया है

ये इश्क मोहब्बत प्यार सब मोह है माया है


इक लैला मजनू थे जो हद से गुजरे थे

राधा कान्हा भी प्रेम के सागर में उतरे थे

इक बात बताओ क्या कोई पार भी पाया है

ये इश्क मोहब्बत प्यार सब मोह है माया है


इक बार हुआ जो इश्क तडपोगे रोओगे

ना ठीक से जागोगे ना ठीक से सोओगे

इक बात कहूँ सबको  जिसने भटकाया है

ये इश्क मोहब्बत प्यार सब मोह है माया है


दुनिया भर में केवल इक काम किया इसने

नादान शरीफों को बस बदनाम किया इसने

कसमों वादों में जिसने मासूमों को फँसाया है

ये इश्क मोहब्बत प्यार सब मोह है माया है


ये दो दिन के साथी क्या साथ निभाएंगे

तनहा आए थे सब तनहा चले जाएंगे

इक बात कहो मैंने क्या झूठ बताया है

ये इश्क मोहब्बत प्यार सब मोह है माया है


इक बात बताऊँ जो अक्सर सच पाया है

ये इश्क मोहब्बत प्यार सब मोह है माया है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *