मैं रहूं न रहूं मेरा भारत रहे

जब तलक इस जमाने में चाहत रहे

दुश्मनों के जिगर में तिजारत रहे

जब तलक हो जमीं

जब तलक हो गगन

मैं रहूं न रहूं

मेरा भारत रहे

मेरा भारत रहे


ऐसा माहौल हो हिन्दुस्तान में

भाईचारा हो इंसान इंसान में

 जाति और धर्म के नाम  पर न बँटें

अपने कर्तव्य से पीछे भी न हटें

चाहे आँधी चले

चाहे तूफाँ चले

एकता की सलामत इमारत रहे

जब तलक हो जमीं

जब तलक हो गगन

मैं रहूं न रहूं मेरा भारत रहे…….


खून के रंगों से होलियाँ खेलकर

अपने सीने पे बम गोलियाँ झेलकर

मौत को यारों हँसकर लगाकर गले

देश खातिर जो सब कुछ फना कर चले

उन शहीदों ने जो

खून से है लिखी

याद आजादी की वो इबारत रहे

जब तलक हो जमीं

जब तलक हो गगन

मैं रहूं न रहूं मेरा भारत रहे

मेरा भारत रहे

मेरा भारत रहे।