हैप्पी करवा चौथ !

बन के सजनी मैं ही तेरी साजन रहूँँ
जिन्दगी भर तेरे दिल के आँगन रहूँ
अपने रब यही अब माँगती हूँ दुआ
जब तलक मैं रहूं बस सुहागन रहूँ
तुझसे पहले था जीवन अँधेरा घना
तू मिला तो रोशनी से हुआ सामना
अपने ईश्वर से तो अब यही मैं कहूँ
तुझको लग जाए मेरी उमर साजना
मैं निभाउंगी हर वादा जब तक है दम
साथ दूंगी तुम्हारा मैं कदम दर कदम
चाहे आँधी चले अब चाहे तूफान उठे
बस मेरे बन के रहना तुम सातों जनम
बडा प्यारा है जो तुम वो चितचोर हो
मैं जो हूँ इक पतंग तो तुम डोर हो
क्या कहूँ आज बस इतना ही जान लो
मेरे अंधियारे जीवन की तुम भोर हो
मुझसे वादा करो आज ऐ मेरी जिन्दगी
छोडकर तुम न जाओगे मुझको कभी
चाहे खुशियां हो जीवन में चाहे हों गम
साथ दोगे मेरा तुम घडी हर घडी