इश्क वाली खता

जब से यार इश्क वाली खता हो गई
मजेदार जिन्दगी बेमजा हो गई
चैन से सोते थे पहले सारी रात हम
रातें कटना भी अब तो सजा हो गई
हमने दिल क्या लगाया गुनाह हो गया
उसने दिल तोडा उसकी अदा हो गई
साथ चलने का वादा किया था मगर
वक्त  बदला और  राहें जुदा हो गई
नाज करते थे जिसकी वफा पर ‘राज’
अब वो  जान-ए-वफा बेवफा हो गई
जब से यार इश्क वाली खता हो गई
मजेदार जिन्दगी बेमजा हो गई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *