अपने जजबात तेरी अदालत में हाजिर नहीं करते
मोहब्बत हम भी करते हैं मगर जाहिर नहीं करते
ऐ मेरे दिल उसे पाने के लिए क्या क्या करते हो
जो करना होता है तुमको वहीं आखिर नहीं करते
किसी हसीन का दिल जीतना है तो ऐ मेरे दिल
करो कुछ ऐसा जो कि प्यार के माहिर नहीं करते
याद रखना कि जब तक मंजिलें दिखाई नहीं देती
एक पल के लिए भी आराम मुसाफिर नहीं करते
अपने जजबात तेरी अदालत में हाजिर नहीं करते
मोहब्बत हम भी करते हैं मगर जाहिर नहीं करते