काश ऐसे इश्क उनकी आँखों में उतर आए

काश ऐसे इश्क उनकी आँखों में उतर आए
जब जब वो आईना देखें हम ही नजर आए
चेहरा देखकर हमारा वो मुस्कुराने लगे
मुस्कुरा के जुल्फें गालों से हटाने लगे
हटा के जुल्फें हाथ रखके अपने गालों पे
गौर फरमाने लगें वो मेरे सवालों पे
जवाब न मिले कोई और खडे हो जाएं
खडे होकर खयालों में हमारे खो जाएं
कोई बुलाए तो हम ही सुनाई दें उनको
जर्रे जर्रे में सिर्फ हम दिखाई दें उनको
कोई जब पूछे क्यों खोए खोए से हो तुम
कुछ न बोलें बस सुनते रहें होकर गुमसुम
फिर जब सोचने लगे वो हमारे बारे मे
शर्म की लाली उनके चेहरे पर बिखर जाए
काश ऐसे इश्क उनकी आँखों में उतर आए
जब जब वो आईना देखे हम ही नजर आए

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