वो तो जान है मेरी

दिल की हर दीवार पर इक पैगाम लिखा है
तेरे बिन मेरा सारा हाल तमाम लिखा है
इक तेरे ही भरोसे है मेरी तो अब जिन्दगी
क्योंकि अपनी साँसों पर तेरा नाम लिखा है
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जवाब में कटती है सवाल में कटती है
मत पूछ जिन्दगी किस हाल में कटती है
दिन गुजर जाता है तुझको सोच सोच कर
और फिर ये शाम तेरे खयाल में कटती है
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परी बन के आ तू चाहे हूर बन के आ
अंधेरा है जिन्दगी में तू नूर बन के आ
जिस तरह मैं आता हूँ तेरे पास मेरे पास
दिल के हाथों तू भी तो मजबूर बन के आ
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दुनिया ने जो बाँधी है मेरे हाथों पैरों में
हर हथकड़ी मैं तोड दूँ जंजीर खींच दूँ
किस्मत बना लूँ आज ही मैं अपने हाथों में,
दिल करता है तेरे नाम की लकीर खींच दूँ
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तू कह दे तो ये गलियाँ क्या घरबार छोड दूँ
मुश्किल है कि करना तेरा दीदार छोड दूँ
हो सकता है छोड दूँ महफिल जमाने की
मुमकिन नहीं कि इश्क का दरबार छोड दूँ
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साँसें धडकन उसपे सब कुर्बान हैं मेरी
समझती नहीं महबूबा बडी नादान है मेरी
दोस्तों को तो इक पल मैं छोडता नहीं
फिर उसको कैसे छोडूँ वो तो जान है मेरी

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