इक बात बतानी है तुम्हें अपने बारे में बोलो मुँह से बोलूँ या कह दूँ इशारे में गर समझ सको तुम तो समझो दिल की बातें कुछ दिन से अब तनहा मेरी कटती नहीं रातें बोलो कुछ तो बोलो क्यों हो यूँ गुमसुम से दिल के बदले में दिल मैं चाहता हूँ तुमसे कई रोज … Continue reading इक बात बतानी है