Alia Bhatt804032716

बाहों में आकर बिखर जाइए

ना उधर जाइये ना इधर जाइये मेरी बाहों मेँ आकर बिखर जाइये कलियों की ले लो सारी मासूमियत फूलों का रँग ले के निखर जाइये क्या रखा है भला झूठी टकरार में आँखों से मेरे दिल मेँ उतर जाइये क्या जरूरत तुम्हें सोलह सिँगार की ओढ के मेरी चाहत सँवर जाइये एक ही आरजू है … Continue reading बाहों में आकर बिखर जाइए