इक दीवानी

आँखों ही आँखों मे इक अफसाना बना देती है वो दीवानी हँसती है औऱ दीवाना बना देती है औरों को जरूरत होगी मयखाने मे जाके पीने की मेरे लिए वो आँखों से पैमाना बना देती है हर कोई खिंचा जाता है उसके जलवे ही कुछ ऐसे हैं वो शमा सी जलती है सबको परवाना बना … Continue reading इक दीवानी