मारा गया रे.. किसान फिर सरकार से

मारा गया रे ..किसान फिर सरकार से

मारा गया रे ..किसान फिर सरकार से

मारा गया मारा गया मारा गया हाय हाय हाय

मारा गया रे ..किसान फिर सरकार से

मारा गया रे..
पहले तो कानून बनाया खेती का सरकारी

न सोचा न समझा जल्दी जल्दी कर दिया जारी

पता चला किसान को जब शर्तें विपरीत हैं सारी

तो निकल पडा आन्दोलन करने लेकर संख्या भारी

फिर मारा गया रे..किसान हवलदार से


26 जनवरी को कृषकों ने फिर इक बार विचारा

लाल किले पर लहराएंगे अपना तिरंगा प्यारा

फिर आन्दोलन में घुस गए कुछ उपद्रवी आवारा

दंगे के इल्जाम में फँस गया फिर से कृषक बेचारा

फिर मारा गया रे.. किसान चौकीदार से


शुरू हुई फिर राजनीति जैसे हो कोई सुनामी

बैठ गया देखो किसान लेकर अपनी नाकामी

कुछ लोग लगे गाली देने और हुई बहुत बदनामी

और ढहतीं उम्मीदें कृषकों की किसी ने भी नहीं थामी

मारा गया रे.. किसान शब्द की मार से


जिसको देखो दे रहा है अपनी अपनी दलीलें

और आन्दोलन में कृषकों के नैन अभी थे गीले

कि सत्ता वालों ने ठुकवा दी राहों में फिर कीलें

ताकि किसान न बना सके आन्दोलन के बडे टीले

मारा गया रे..किसान कटीले तार से..


अब आई ग्रेटा थनबर्ग रिहाना मिया की बारी

करके ट्वीट दिया कृषकों को अपना समर्थन भारी

लगी मिर्च बालीवुड को संग आ गए क्रिकेट धारी

और आकर सबने चलाई कृषकों के धरने पर आरी

मारा गया रे.. किसान कलाकार से


मारा गया रे ..किसान फिर सरकार से

मारा गया रे ..किसान फिर सरकार से

मारा गया मारा गया मारा गया हाय हाय हाय

मारा गया रे ..किसान फिर सरकार से

मारा गया रे..

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