तुम रूठा न करो

यूं रूठा न करो हमसे
हम रह नहीं पाते
तुम्हारी यह बेरुखी
तुम्हारी नाराजगी
हम सह नहीं पाते
हमारी धडकन चलती है
तुम्हारी मुस्कुराहट से
अरे हम जिन्दा हैं
तो बस ,
तुम्हारी ही चाहत से
अटक सी जाती हैं साँसें
बातें लब तक न आती हैं
तुम नहीं बोलते जब तो
हमारी जान जाती है
अरे अब बोल भी दो कुछ
रहो न ऐसे गुमसुम से
बहुत प्यार करते हैं
कसम से यार हम तुमसे
हमारे दिल के ये जजबात
तुम समझ नहीं पाते
और कमजोरी हमारी है
कि हम..
कुछ कह नहीं पाते
यूं रूठा न करो हमसे
हम रह नहीं पाते
तुम्हारी यह बेरुखी
तुम्हारी नाराजगी
हम सह नहीं पाते