रात बिताने को तो हजारों पाओगे
पर जिन्दगी भर जो साथ निभाए, कहाँ से लाओगे
आज जवानी है होठों पे कहानी है
जब ये जवानी ढलेगी तो दिल की किसे सुनाओगे
कभी तो आओगे किनारे पर तुम भी
आखिर सागर में कश्ती ऐसे कब तक भरमाओगे
दौलत की खातिर ठुकराना मोहब्बत को
इस आदत की वजह से देखना इक रोज पछताओगे
वक्त अभी भी है लौट के आ जाओ
याद रखना हम जैसा दिलदार जमाने में नहीं पाओगे
रात बिताने को तो हजारों पाओगे
पर जिन्दगी भर जो साथ निभाए, कहाँ से लाओगे