तेरे बिना

दिल में बसा लो अपना बना लो
इसके शिवा कुछ चाहूँ नही
तू जो मिला है दुनिया मिली है
रब से अब  कुछ  मांगू नही
तेरा मेरा साथ है ऐसा जैसे चन्दा और गगन
तू है मेरी सांसें और मैं हूँ तेरे दिल की धडकन
तुझसे बिछड कर मेरे सनम
अब इक पल भी जी पाऊं नही
दिल में बसा लो……
तेरी प्यारी बातें हैं संगीत की मीठी सी सरगम
जितना भी सुनता हूँ इनको उतना ही लगता है कम
छोड के तेरे इश्क तराने
और मैं अब कुछ गाऊं नही
दिल में बसा लो….
तोड के दुनिया भर के गुल तेरे कदमों में बिछा दूं मैं
जी करता है दुनिया भर की खुशियां तुमपे लुटा दूं मैं
तेरे बदले मैं रो लूं पर
भूल के तुझको रुलाऊं नही
दिल में बसा लो…
दिल में बसा लो अपना बना लो
इसके शिवा कुछ चाहूँ नही
तू जो मिला है दुनिया मिली है
रब से मैं कुछ अब मांगू नही*****

सावन की पहली बारिश में
पहली पहली बार हुआ
हमको  उनसे इश्क हुआ
उनको हमसे प्यार हुआ
वो भी भीग रहे थे उधर हम भी भीग रहे थे इधर
यूँ तो हम अन्जान थे उनसे फिर भी यूँ टकराई नजर
बन्द लबों से धीरे धीरे
चुपके से इकरार हुआ
हमको उनसे इश्क हुआ …..
वो पास आए कुछ शरमाए बोले मुझसे कौन हो तुम
मैने कहा मैं सपना हूँ मुझे अपनी आँखों में कर लो गुम
हँसने लगे वो फिर मत पूछो
क्या क्या दिल को यार हुआ
हमको उनसे इश्क हुआ…..
काश कहीं फिर मिल जाए वो गुल जिसका मैं हूँ गुलफाम
 कर दूं सब कुछ उसके हवाले सारी नींदें चैन तमाम
अब तो उसके बिन इक पल भी
दोस्त मेरे दुश्वार हुआ
हमको उनसे इश्क हुआ…
सावन की पहली बारिश में
पहली पहली बार हुआ
हमको  उनसे इश्क हुआ
उनको हमसे प्यार हुआ
                    *****
तुम्हारे बिन मेरा हर पल महीने के बराबर है
तेरे बिन अब मेरा जीना न जीने के बराबर है.
*
हमारी जान जाती है तुम्हारी याद आने से
अश्क आ जाते हैं आँखों मे
अब तो मुस्कुराने से
तुम्हें ही जब नहीं कोई फिकर मेरी मोहब्बत की
तो शिकवा क्या करें हम भी
भला जालिम जमाने से
तुम्हारे रूठने से रूठ जाती है खुशी मेरी
चमक उठती है फिर किस्मत
तुम्हारे मान जाने से
तुम्हारा शौक है मेरी मोहब्बत आजमाना तो
नहीं पीछे हटेंगे हम भी
किस्मत आजमाने से
हमारी जान जाती है तुम्हारी याद आने से
अश्क आ जाते हैं आँखों मे
अब तो मुस्कुराने से
              *****
तेरे बिन कटता नहीं है पल
जाने मुझे हुआ है क्या आजकल
तुझे न सोचूँ तो
कुछ सोचने का मन नही करता
तुझे न देखूँ तो
कुछ देखने का मन नही करता
जागता हूँ कि मैं
सोया हूँ पता ही नही चलता
कहते हैं सब कहाँ
खोया हूँ पता ही नही चलता
अब तो शोले भी मुझको
देते हैं बर्फ सी ठण्डक
जो छू लूँ गर कभी पानी
तो जैसे जाता हूँ मैं जल
तेरे बिन कटता नही है पल
जाने मुझे हुआ है क्या आजकल

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