मैं था इक साधू बंजारा मुझे हुस्न ने कुछ ऐसा मारा विख्यात से मैं कुख्यात हुआ बरबाद हुआ मैं बेचारा सब मेरे बस में थे और खुद को मैं कहता था ईश्वर लेकिन जो आँधी आई तो न बचा पाया अपना ही घर सच्चाई की चिंगारी ने पहले मेरा ही घर जारा मैं था इक … Continue reading इक साधू बंजारा- राम रहीम