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मैं वक्त हूँ

आगे किसी के भी झुकता नहीं मैं रुक जाए कुछ भी पर रुकता नहीं मैं रोक लो मुझको तुम रोक पाओ अगर रोकने से पहले सोच लो तुम मगर दरिया हूँ मैं कभी जो ठहरता नहीं कश्तियों की जो परवाह करता नहीं लोगों की खुशियों का मैं ही संसार हूँ तो दुखों की भी इक … Continue reading मैं वक्त हूँ