न गुस्से से पूरे होंगे न जिद से मुकम्मल होंगे अजी ये प्यार के मसले हैं प्यार से हल होंगे अगर हो देखनी जन्नत तो अपनों के संग बैठेंं जो अपनों संग बीतेंगे वही जन्नत के पल होंगे कैसे बचेगी दुनिया और दुनिया में मोहब्बत भाई के हाथों यूँ ही गर भाई के कतल होंगे … Continue reading ये प्यार के मसले हैं