अपना ग़म जमाने को नहीं दिखाते हम ये राज़-ए-दिल है सबसे नहीं बताते हम मैं नहीं चाहता कोई दुखी हो मेरे दुख से इसलिए तो कभी आंसू नहीं बहाते हम अंधेरे में बसर ये जिन्दगी कर लेते है रोशनी के लिए कोई घर नहीं जलाते हम पत्थरों के शहर में रहते हैं हम इसलिए शोक … Continue reading मेरा गम़