ठहरो आंखों में तुम्हारी तस्वीर बना लूं मैं बेतकदीर हूँ बरसों से तकदीर बना लूं मैं कोई छीन नहीं पाए मुझसे तेरी चाहत तुझको ऐसे हाथों की लकीर बना लूं मैं जब तक है जाँ में जाँ तू मेरी ही रहना आ जा तुझको अपनी जागीर बना लूँ मैं चाहूँ तुझको शीरी फरहाद से भी … Continue reading बेतकदीर हूँ बरसों से
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आज की रात
मैं तेरी किस्मत बनूं मेरी तकदीर बन आज की रात मुझको तू रांझा बनाकर खुद हीर बन आज की रात मैं हूं जवां तू भी खूबसूरत मैं तेरी और तू मेरी जरूरत मैं कोई प्यासा मुसाफिर तू नीर बन आज की रात देखूं जहां भी तुझको ही पाऊं इक पल भी तुझसे दूर न जाऊं … Continue reading आज की रात