न पूछो हमसे कि क्या चाहते हैं तुम्हें चाहते हैं बस तुम्हें चाहते हैं तेरे ख्वाब में ही गुजरती हैं रातें तेरा नाम लेकर सुबह जागते हैं जब भी उठाते हैं हाथ हम खुदा से दुवाओं में तेरी वफा माँगते हैं नहीं चाहिए हमको दुनिया की दौलत हम बस तुम्हारी चाहत चाहते हैं न पूछो … Continue reading तुम्हें चाहते हैं
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चाहत का दस्तूर
जिसको चाहो वही आँखों से दूर है भला चाहत का ये कैसा दस्तूर है क्यों नहीं मिलती हैं प्यार में मन्जिलें प्यार दुनिया में क्यों इतना मजबूर है सुना है इक तरफ प्यार फूलों सा है तो दूसरी ओर काँटों से भरपूर है प्यार करके चलो प्यार जिन्दा रखें वैसे दुनिया तो नफरत में ही … Continue reading चाहत का दस्तूर
तेरी बाहों में सोना चाहती हूँ
माना कि बहुत बडी है ये दुनिया लेकिन मैं तेरे दिल में इक छोटा सा कोना चाहती हूँ मुझे जरूरत क्या है आरामदेह बिस्तर की मैं तो तेरी मखमली बाहों में सोना चाहती हूँ मैं चाहती हूँ तेरी आँखों में मेरा चेहरा हो तेरे मेरे प्यार का रंग इतना गहरा हो कि जब तू बोले तेरे लब पे … Continue reading तेरी बाहों में सोना चाहती हूँ
तू जो मिला है
दिल में बसा लो अपना बना लो इसके शिवा कुछ चाहूँ नही तू जो मिला है दुनिया मिली है रब से अब कुछ मांगू नही तेरा मेरा साथ है ऐसा जैसे चन्दा और गगन तू है मेरी सांसें और मैं हूँ तेरे दिल की धडकन तुझसे बिछड कर मेरे सनम अब इक पल भी जी … Continue reading तू जो मिला है
इश्क करना चाहता हूँ
टूटकर यूँ ही बिखरना चाहता हूँ ऐ यार फिर से इश्क करना चाहता हूँ जिस गली से गुजरा था पिछली दफा मैं वहीं से फिर गुजरना चाहता हूँ उस बार डूब ही गया था डूबकर मैं इस बार डूबकर उभरना चाहता हूँ इक बार होती है मोहब्बत जिन्दगी में ये बात साबित झूठ करना चाहता … Continue reading इश्क करना चाहता हूँ
मेरी चाहत मेरी आरजू
मैं कुछ इस तरह से तेरे खयालों में खोना चाहता हूँ मन के धागों में तेरे नाम के मोती पिरोना चाहता हूँ मुझे चाहत नहीं है किसी अमृत किसी सागर किसी बरसात की मैं तेरे लबों से अपने लबों को भिगोना चाहता हूँ अब इन्तजार नहीं है मुझको किसी भी काली रात का क्योंकि मैं … Continue reading मेरी चाहत मेरी आरजू