man 1253004 1920

जब तू पास नहीं था

जिन्दा हूँ मैं इतना भी एहसास नहीं था तू पास नहीं था तो कुछ पास नहीं था बिखरे थे तनहाई के अंधेरे हर जगह लगता था कि जीते जा रहे हैं बेवजह हर कदम पे ताने दे रही थीं मुश्किलें रास्तों में जैसे खो गई थीं मंजिलें तू मिला तो मुझको मेरा पता मिला भटके … Continue reading जब तू पास नहीं था

तुझपे मरना चाहता हूँ

प्यार तुझे कुछ ऐसे  करना चाहता हूँ टूटकर तेरी बाहों में बिखरना चाहता हूँ वो और होंगे जो मरते हैं दौलत के लिए मैं जिन्दगी भर तुझपे मरना चाहता हूँ                          ***  तुझसे ज्यादा किसी और की चाहत नही है तुझे देखे बिना मेरे दिल … Continue reading तुझपे मरना चाहता हूँ