बन के सजनी मैं ही तेरी साजन रहूँँ जिन्दगी भर तेरे दिल के आँगन रहूँ अपने रब यही अब माँगती हूँ दुआ जब तलक मैं रहूं बस सुहागन रहूँ तुझसे पहले था जीवन अँधेरा घना तू मिला तो रोशनी से हुआ सामना अपने ईश्वर से तो अब यही मैं कहूँ तुझको लग जाए मेरी उमर … Continue reading हैप्पी करवा चौथ !
Category: शायरी
मेरा कसूर क्या है
रूठने की वजह बताओ ऐ हुजूर क्या है चाहने के शिवा तुमको मेरा कसूर क्या है नहीं है मुझको तजुर्बा अगर तो क्या जानू शऊर क्या है मोहब्बत में बेशऊर क्या है जब से जाना है बस तुम्हीं को जाना मैनें मैं नहीं जानता परी क्या है और हूर क्या है जब से देखा है … Continue reading मेरा कसूर क्या है
बेतकदीर हूँ बरसों से
ठहरो आंखों में तुम्हारी तस्वीर बना लूं मैं बेतकदीर हूँ बरसों से तकदीर बना लूं मैं कोई छीन नहीं पाए मुझसे तेरी चाहत तुझको ऐसे हाथों की लकीर बना लूं मैं जब तक है जाँ में जाँ तू मेरी ही रहना आ जा तुझको अपनी जागीर बना लूँ मैं चाहूँ तुझको शीरी फरहाद से भी … Continue reading बेतकदीर हूँ बरसों से
उफ! मेरी जिन्दगी
हमसे किस्मत हमारी खफा हो गई उफ मेरी जिन्दगी क्या से क्या हो गई जो सिखाती थी हमको मोहब्बत कभी देख लो आज खुद वो बेवफा हो गई उठ रहे मन में क्यों लाखों तूफान हैं क्या बताएं कि हम क्यों परेशान हैं वो दूर जब से गया यार बस जान लो दिल मे धडकन … Continue reading उफ! मेरी जिन्दगी
तुम्हारे लिए..
तुम हमसे सवाल पूछते हो और हम चुप रहते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हम गुनाहगार हैं हम इसलिए चुप रहते हैं क्योंकि गलती हमेशा तुम्हारी रहती है और हम तुम्हें गलत कहना नहीं चाहते हमें पता है जब हम तुम्हें गलत साबित कर देंगे तो तुम रोओगे तुम रोओगे तो हमारा दिल … Continue reading तुम्हारे लिए..
तुम्हें चाहते हैं
न पूछो हमसे कि क्या चाहते हैं तुम्हें चाहते हैं बस तुम्हें चाहते हैं तेरे ख्वाब में ही गुजरती हैं रातें तेरा नाम लेकर सुबह जागते हैं जब भी उठाते हैं हाथ हम खुदा से दुवाओं में तेरी वफा माँगते हैं नहीं चाहिए हमको दुनिया की दौलत हम बस तुम्हारी चाहत चाहते हैं न पूछो … Continue reading तुम्हें चाहते हैं
क्यों हो गया तू बेवफा
तू दूर जब से हो गया लगे सूना सूना ये जहाँ यूं अधूरा सा हूँ तेरे बिन हो चाँद बिन जैसे आसमाँ तेरे साथ थे क्या बात थी हर इक खुशी जैसे साथ थी बडे अच्छे दिन वो लगते थे संग सोते थे संग जगते थे मुझे याद है ऐ हमनशीं जन्नत सी थी तेरी … Continue reading क्यों हो गया तू बेवफा
उसे बेवफा न कहो यारों
उसने अपनी मजबूरियां बताई नहीं मुझे शायद हमारे दिलों के बीच कुछ जगह रही होगी उसे इतनी जल्दी बेवफा न कहो दोस्तों आखिर उसकी बेवफाई की कुछ वजह रही होगी ### परदे में छुपे राज़ अब सरेआम ना करो उसे दर्द पहुंचे ऐसा कोई काम ना करो मैं मानता हूँ उसने बेवफाई की ही है … Continue reading उसे बेवफा न कहो यारों
रुलाया है उसने
वो कुछ इस तरह से हमको सजा देते हैं रोने लगते हैं और फिर हमको रुला देते हैं हम उन्हें अच्छे भी नहीं लगते कभी रोते हुए इसलिए हँस के फिर से हमको हँसा देते हैं ### हम अपने दर्द का यार जिक्र कहाँ करते हैं दर्द सह सह कर हम तो इश्क रवाँ करते … Continue reading रुलाया है उसने
हर निगाह मोहब्बत हो
हर मंजिल मोहब्बत हो हर राह मोहब्बत हो जोजो भी चाहूँ मेरी हर इक चाह मोहब्बत हो ख्वाहिश है कि प्यार से सबको देखूँ मैं और मुझ पर पडने वाली हर निगाह मोहब्बत हो ### शिकवा शिकायत या गिला करो हमसे कायम मगर एक सिलसिला करो हमसे माना नहीं वक्त तुम्हारे पास हकीकत में तो … Continue reading हर निगाह मोहब्बत हो