जब से यार इश्क वाली खता हो गई मजेदार जिन्दगी बेमजा हो गई चैन से सोते थे पहले सारी रात हम रातें कटना भी अब तो सजा हो गई हमने दिल क्या लगाया गुनाह हो गया उसने दिल तोडा उसकी अदा हो गई साथ चलने का वादा किया था मगर वक्त बदला और राहें जुदा … Continue reading इश्क वाली खता
Category: गज़ल
लौट के आ जाओ
रात बिताने को तो हजारों पाओगे पर जिन्दगी भर जो साथ निभाए, कहाँ से लाओगे आज जवानी है होठों पे कहानी है जब ये जवानी ढलेगी तो दिल की किसे सुनाओगे कभी तो आओगे किनारे पर तुम भी आखिर सागर में कश्ती ऐसे कब तक भरमाओगे दौलत की खातिर ठुकराना मोहब्बत को इस आदत की … Continue reading लौट के आ जाओ
ये मोहब्बत भी अजीब है
ये मोहब्बत भी अजीब है जो दुनिया भुला देती है ये वो इकलौती हँसी है जो अक्सर रुला देती है कभी तो कर देती है रोशन ये झोपडी गरीब की कभी बडे बडे महलों में भी आग लगा देती है मजा भी देती है लेकिन जब दोनों तरफ से हो एकतरफा हुई तो रोज कोई … Continue reading ये मोहब्बत भी अजीब है
मोहब्बत आजमाया ना करो
हँसा नहीं सकते हो तो रुलाया न करो ऐसे मेरी मोहब्बत आजमाया न करो एक बार ही मारना है मार दो सनम तीर नजर का रह रहके चलाया न करो मानता हूँ आदत है दिल तोडना मगर तोड के दिल मेरा यूँ मुस्कुराया न करो चाँद देखने आता हूँ हर रोज इसलिए देखो यूँ दुपट्टे … Continue reading मोहब्बत आजमाया ना करो
ये इश्क का दरिया है
जिसको दिल से चाहो वही हमारा नहीं होता ये इश्क का दरिया है इसमें किनारा नहीं होता दिल जीतने की खुशी उसे महसूस नही होती दिल अपना जो किसी के इश्क में हारा नहीं होता वक्त के साथ अक्सर भर जाता है हर जख्म कौन कहता है दुनिया में इश्क दुबारा नहीं होता ऐ ' … Continue reading ये इश्क का दरिया है
चाहत का दस्तूर
जिसको चाहो वही आँखों से दूर है भला चाहत का ये कैसा दस्तूर है क्यों नहीं मिलती हैं प्यार में मन्जिलें प्यार दुनिया में क्यों इतना मजबूर है सुना है इक तरफ प्यार फूलों सा है तो दूसरी ओर काँटों से भरपूर है प्यार करके चलो प्यार जिन्दा रखें वैसे दुनिया तो नफरत में ही … Continue reading चाहत का दस्तूर
आ भी जाओ कि अब इन्तजार नहीं होता
क्या तुम्हारा दिल कभी बेकरार नहीं होता आ भी जाओ कि अब इन्तजार नहीं होता हर तरफ बहारें हैं हर तरफ हैं मोहब्बत मौसम यूँ मेहरबान बार बार नहीं होता आ भी जाओ कि अब इन्तजार नहीं होता इक नजर देख तो लूँ मै तुमको सामने से ख्वाबों का दीदार कोई दीदार नहीं होता आ … Continue reading आ भी जाओ कि अब इन्तजार नहीं होता
इस तरह रस्म-ए-उलफत अदा करते हैं
इस तरह रस्म-ए-उलफत अदा करते हैं बेवफाओं से भी हम वफा करते हैं उनकी मर्जी वो भूलें तो भूलें हमें हम उन्हें याद शामो सुबह करते हैं इस तरह रस्म-ए-उलफत अदा करते हैं और होंगे वो जिनको सताते हैं गम हम तो गम में भी यारों मज़ा करते हैं इस तरह रस्म-ए-उलफत अदा करते हैं … Continue reading इस तरह रस्म-ए-उलफत अदा करते हैं
मोहब्बत हम भी करते हैं
अपने जजबात तेरी अदालत में हाजिर नहीं करते मोहब्बत हम भी करते हैं मगर जाहिर नहीं करते ऐ मेरे दिल उसे पाने के लिए क्या क्या करते हो जो करना होता है तुमको वहीं आखिर नहीं करते किसी हसीन का दिल जीतना है तो ऐ मेरे दिल करो कुछ ऐसा जो कि प्यार के माहिर … Continue reading मोहब्बत हम भी करते हैं
शायद हमको प्यार हुआ है
जब से तेरा दीदार हुआ है जीना बडा दुश्वार हुआ है शायद हमको प्यार हुआ है शायद हमको प्यार हुआ है जाग जाग कर हम सोते हैं हँसते हैं कभी हम रोते हैं ये क्या हमको यार हुआ है शायद हमको प्यार हुआ है शायद हमको प्यार हुआ है लाखों फूल खिले हैं मन में … Continue reading शायद हमको प्यार हुआ है