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इश्क की दुनिया में आपका स्वागत है। इश्क या मोहब्बत आखिर है क्या ? क्या किसी को पसंद कर लेना या किसी को पसंद आ जाना ही इश्क है ? हर इंसान की नजर में इश्क की अलग अलग परिभाषा हो सकती है। किसी के लिए इश्क त्याग है तो किसी के लिए यौन सुख का जरिया तो किसी के लिए अपनी पसंद को अपना बनाने का तरीका। इस दुनिया में बहुत कम ही ऐसे लोग मिलेंगे जो वास्तव में इश्क करते हैं और इश्क का मतलब समझते हैं। इश्क वास्तव में वह खूबसूरत एहसास है जिसमें इश्क करने वाला इंसान हमेशा जिससे इश्क करता है उसी की खुशी चाहता है। हाँ कभी कभार ऐसा होता है कि जिससे इश्क किया जाता है वह किसी और से इश्क कर रहा होता है तो ऐसे में इश्क दर्द का सबब बन जाता है। दरअसल, ऐसे में इश्क बुरा नहीं होता , इश्क का एहसास तो हमेशा खूबसूरत ही है बल्कि इंसान की सोच बदल जाती है। इंसान जब अपने प्यार को किसी और बाहों में देखता है तो वहीं से उसके मन में इश्क की धारणा बदलने लगती है और उसकी नजर में इश्क का नकारात्मक स्वरूप बन जाता है। जबकि इश्क अब वैसा ही है जैसा पहले था।
लोग कहते हैं कि प्यार दर्द देता है जो कि बिल्कुल भी गलत है। प्यार कभी दर्द दे ही नही सकता , खुशी कभी भी गम दे ही नही सकती , ठीक उसी तरह जिस तरह आग ठण्डक नहीं दे सकती और बर्फ कभी गर्मी नहीं दे सकता। सच तो यह है कि हम प्यार से कुछ लेते ही नहीं है जो कुछ भी लेते है हम अपने क्रोध से, घमण्ड से, प्रतिशोध की भावना से और नकारात्मक सोच से लेते हैं। अगर आपका महबूब या महबूबा आपकी नहीं हो सकी तो कोई बात नहीं सब्र कीजिए , अपने आप पर नियंत्रण रखिए । आपके दिल में जो प्यार है वो सलामत रखिए उसे नफरत में मत बदलने दीजिए।आपके दिल में भरा प्यार आपको यूनिक बनाता है। अगर आपके दिल में प्यार हैं तो आपकी जिन्दगी खुद ही खूबसूरत हो जाएगी।