बडी खामोश इंसानों की बस्ती नजर आती है
दवाइयां महंगी यहां जिन्दगी सस्ती नजर आती है
क्या कहूँ ज्यादा कहने की अब जरूरत ही नहीं
आक्सीजन महंगी है सांसों की तो कीमत ही नहीं
जिन्दगी देखते देखते कहीं मौत नजर न आ जाए
डर लगा रहता है कहीं से मनहूस खबर न आ जाए
जिधर भी देखते हैं आंखें बस बरसती नजर आती हैं
कोरोना के भंवर में मानवता की कश्ती नजर आती है
बडी खामोश इंसानों की बस्ती नजर आती है
दवाइयां महंगी यहां जिन्दगी सस्ती नजर आती है