उफ! मेरी जिन्दगी

हमसे किस्मत हमारी खफा हो गई
उफ मेरी जिन्दगी क्या से क्या हो गई
जो सिखाती थी हमको मोहब्बत कभी
देख लो आज खुद वो बेवफा हो गई
उठ रहे मन में क्यों लाखों तूफान हैं
क्या बताएं कि हम क्यों परेशान हैं
वो दूर जब से गया यार बस जान लो
दिल मे धडकन है न जिस्म में जान है
जख्म दिल के मैं कैसे दिखाऊँ उसे
कितनी चाहत है कैसे बताऊँ उसे
खुश है वो गैरों की बाहों में तो कहो
चाह कर भी मैं कैसे बुलाऊँ उसे