जब तू पास नहीं था

जिन्दा हूँ मैं इतना भी एहसास नहीं था
तू पास नहीं था तो कुछ पास नहीं था
बिखरे थे तनहाई के अंधेरे हर जगह
लगता था कि जीते जा रहे हैं बेवजह
हर कदम पे ताने दे रही थीं मुश्किलें
रास्तों में जैसे खो गई थीं मंजिलें
तू मिला तो मुझको मेरा पता मिला
भटके हुए कदमों को
फिर से रास्ता मिला
पहली दफा लगा है
तू मुझको जान से प्यारा
पहले तेरे कोई भी
मेरा खास नहीं था
जिन्दा हूँ मैं इतना भी एहसास नहीं था
तू पास नहीं था तो कुछ पास नहीं था

#love

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