मेरी किताब-ए-दिल

मेरी किताब-ए-दिल में मत पूछ क्या लिखा है
धडकन का हर इक पन्ना तेरे नाम से सजा है
जीवन हुआ है रोशन मेरा उम्मीद के दियों से
जब से चला तेरी मोहब्बत का सिलसिला है
तेरे बगैर इक पल अब जीना है मेरा मुश्किल
बनकर लहू तू मेरी तो नस नस में बह रहा है
मैनें तो तुझको माना ही है अपना पूरे दिल से
अब तू भी सनम कह दे क्या तेरा फैसला है
तेरा नाम मेरे दिल से मिटना नहीं है आसान
गर मिट गया समझो कि “राज” मिट गया है
मेरी किताब-ए-दिल में मत पूछ क्या लिखा है
धडकन का हर इक पन्ना तेरे नाम से सजा है

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