वो बेवफा मुझे यूँ याद बार बार आता है
उसकी बेवफाई पे भी मुझे प्यार आता है
वैसे तो मुस्कुराने का शौकीन बहुत हूँ
पर अश्क भी आँखों में बेशुमार आता है
जब से उसने फेरा है मुँह मेरी नजर से
ना चैन कहीं ना तो कहीं करार आता है
उसके दिए हर एक जख्म याद आते हैं
पैरों तले राहों में जब कोई खार आता है
जब बाँटता है वो खुदा चीजें मोहब्बत की
हिस्से में मेरे क्यों सिर्फ इन्तजार आता है
वो बेवफा मुझे यूँ याद बार बार आता है
उसकी बेवफाई पे भी मुझे प्यार आता है